बस इनसे बचे रहो, सब ठीक रहेगा || आचार्य प्रशांत (2020)
Publish Date: 2021-07-18
Watched Times: 1
Duration: 15:47
Language: hi | Country: IN
वीडियो जानकारी: 27.12.2020, आमने-सामने शिविर, ऋषिकेश, उत्तराखंड, भारत
प्रसंग:
माया महा ठगनी हम जानी।।
तिरगुन फांस लिए कर डोले
बोले मधुरे बानी।।
केसव के कमला वे बैठी
शिव के भवन भवानी।।
पंडा के मूरत वे बैठीं
तीरथ में भई पानी।।
योगी के योगन वे बैठी
राजा के घर रानी।।
काहू के हीरा वे बैठी
काहू के कौड़ी कानी।।
भगतन की भगतिन वे बैठी
बृह्मा के बृह्माणी।।
कहे कबीर सुनो भई साधो
यह सब अकथ कहानी।। ~कबीर साहब
~ 'प्रकाश स्वरुप परमात्मा सृष्टिकाल में इस जगत में एक-एक जाल को अनेक प्रकार से विभक्त कर स्थापित करता है और प्रलय काल में सबका संहार कर देता है।' इसका क्या अर्थ है?
~ अहंकार क्या है?
~ माया क्या है? और वो कैसे ठगती है?
संगीत: मिलिंद दाते
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